अर्जुन पंचारिया सिंधू का जन्म 04 अक्तूबर 2005 को राजस्थान के बीकानेर जिले के सिंधू गांव में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गाँव में ही प्राप्त की और शिक्षा के प्रति उनकी रुचि ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। अर्जुन एक समाज सेवी के रूप में भी जाने जाते हैं, जो अपने समुदाय के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। वर्तमान में, वे राष्ट्रीय परशुराम सेना संघ बीकानेर के युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं।
इस पद पर रहते हुए, वे युवाओं को संगठित करने और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं। अर्जुन का मानना है कि युवा शक्ति देश और समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और इसलिए वे हमेशा युवाओं को प्रेरित करने का प्रयास करते हैं।
अर्जुन का उद्देश्य अपने गांव और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना है, और वे इस दिशा में अपने कार्यों के माध्यम से निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
- अर्जुन पंचारिया सिंधू की शिक्षा
अर्जुन पंचारिया सिंधू ने अपने विद्यालय जीवना में पहली बार प्रथम स्थान प्राप्त किया जब वह 10th में थे तो 78.00% से विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया हालांकि स्कूल में ही नही पूरे ग्राम पंचायत में उनका प्रथम स्थान था । उसके बाद जब वह 11th में एक थे तो उन्होंने रचनात्मक कार्यों को ज्यादा महत्त्व दिया और 12th में उनको कोई खास स्थान प्राप्त नही हुआ पर उन्होंने अपने विद्यालय में 90.40% से पांचवा स्थान प्राप्त किया और तहसील स्तर पर भी उन्होने स्थान प्राप्त किया जिस वजह से उनको नोखा तहसील स्तर पर गट्टानी बालिका विद्यालय में समानित किया गया ।
- परशुराम सेना में पद ग्रहण
26 अक्टूबर 2024 को अर्जुन पंचारिया सिंधू बने बीकानेर जिले से परशुराम सेना में युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष जो की राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश रानेजा और परशुराम सेना के कार्यकारी निदेशक सूरजकरण शर्मा की सहमती से हुआ। हालांकि उससे पहले अर्जुन पंचारिया परशुराम सेना में कार्यकर्ता थे परंतु वे अपनी स्वेच्छा से कार्य करते थे उनके पास सेना का कोई लीगल दस्तावेज नही था परंतु परशुराम सेना में तन मन से काम करने से सूरजकरण शर्मा जी ने परशुराम सेना में युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष का पद सौंफा हैं।
- अर्जुन पंचारिया सिंधू द्वारा छात्र आंदोलन
जब जब बीकानेर जिले में समाजिक क्रांति की बात आती है तो अर्जुन पंचारिया सिंधू का नाम सबसे पहले आता है।
इसका जीता जागता उदाहरण है की अर्जुन पंचारिया सिंधू ने 22 नवंबर 2022 को एक आंदोलन में भाग लिया था। यह आंदोलन एक शान्ति पूर्वक आन्दोलन था जो की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मोरखाना में पढ़ रहे विद्यार्थियो द्वारा किया गया था हालांकी इसकी अध्यक्षता ग्रामीण जानो और कुछ अन्य लोगों और अर्जुन पंचारिया के द्वारा की गई थी ।
यह आंदोलन सामान्यत विद्यालय में अध्यापको की कमी को लेकर हुआ था।
अर्जुन पंचारिया की इसी अनोखे कार्य के कारण आज विद्यालय में 2 से 3 तीन अध्यापक की पूर्ति हो गई।